लोकसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल को हाई कोर्ट की तरफ़ से एक बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया है।समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2016 एसएससी भर्ती के पूरे पैनल को अमान्य घोषित कर दिया।
9वीं से 12वीं और समूह सी और डी तक की सभी नियुक्तियां, जहां अनियमितताएं पाई गईं, उन्हें भी शून्य घोषित कर दिया गया है। साथ ही 2016 के बाद भर्ती हुए 25000 से अधिक शिक्षकों को 6 हफ्ते में वेतन वापस करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अगुवाई वाली पीठ ने पाया कि 2016 में ग्रुप सी, ग्रुप डी, कक्षा 9 और 10 की ओएमआर शीट में हेरफेर किया गया था । जिससे सभी भर्तियां अवैध हो गईं। इसमें कहा गया है कि जिन लोगों की भर्ती की गई थी, उनके नाम अवैध तरीके से पैनल में शामिल किए गए थे।
न्यायमूर्ति बसाक ने कहा, “हमारे पास पूरे भर्ती पैनल को रद्द करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।”
आदेश को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कुणाल घोष ने कहा, “राज्य सरकार उन लोगों को समायोजित करना चाहती थी जिन्हें अवैध रूप से भर्ती नहीं किया जा रहा था। सरकार कानूनी विकल्प तलाशेगी, लेकिन यह आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है।
2021 में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जस्टिस बैग समिति को ग्रुप सी और ग्रुप डी श्रेणियों में भर्तियों की समीक्षा करने का आदेश दिया। प्रारंभिक जांच के बाद, समिति ने निर्धारित किया कि ओएमआर शीट में हेरफेर किया गया था, जिसके बाद अदालत ने सीबीआई और ईडी को जांच का आदेश दिया।
अगस्त 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य समेत कई एसएससी अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया।