फ़िल्म संपादन एक प्रक्रिया है जिसमें संपादक फ़िल्म से जुड़ी सामग्री, कैमरा फुटेज, संवाद, ध्वनि प्रभाव, ग्राफिक्स और विशेष प्रभाव आदि का प्रबंधन करके एक पूर्ण कहानी को बनाता है । फिल्म संपादक कच्चे फुटेज के साथ काम करता है , शॉट्स का चयन करता है और उन्हें अनुक्रमों में जोड़ता है जो एक पूर्ण मोशन पिक्चर बनाता है ।
फिल्म संपादन को एक कला या कौशल के रूप में वर्णित किया गया है, यह एकमात्र कला है जो सिनेमा के लिए अद्वितीय है । किसी दर्शक को आकर्षित करने का प्रयास करते समय फिल्म संपादन एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण है। जब ठीक से किया जाता है, तो एक फिल्म का संपादन एक दर्शक को मोहित कर सकता है इसी कारण फ़िल्म संपादन को फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में “अदृश्य कला” का नाम दिया गया है।
एक वीडियो या फ़िल्म संपादक कैमरामैन द्वारा रिकॉर्ड किये गये शॉट या वीडियो संग्रह को अपनी रचनात्मक समझ के अनुसार एक क्रम में रखता है और श्रव्य एवं दृश्याओ के माध्यम से भावात्मक कहानी का वर्णन करता है। इस प्रक्रिया में संपादक अपने अनुभव और समझ के अनुसार पृष्ठभूमि संगीत, कलर, इफ़ेक्ट और ग्राफ़िक्स को भी संयोजित करता है।
फ़िल्म निर्माण के चरणों में से यह पोस्ट प्रोडक्शन चरण का कार्य है, जो फ़िल्म के शूटिंग प्रक्रिया (प्रोडक्शन चरण) के बाद किया जाता है। जिसमें रैखिक (Linear Editing) और अरेखीय संपादन (Non Linear) निरंतरता (continuity), असंततता संपादन(discontinuity editing) और कट और ट्रांज़िशन जैसी संपादन तकनीकें शामिल हैं।
और के फ़िल्म संपादन को समझने और निर्माण को समझने के लिए उसकी ग्रामर को समझाना अतिअवश्यक है क्योंकि फ़िल्म भी एक कहानी का ही रूप है, जिसे हम सुनने के बजाय देखते है । इसकी भी एक व्याकरण होती है उसी तरह जैसे हर एक भाषा की होती है। जिसका उपयोग से एक कहानी लिखी जाती है।
भाषा की व्याकरण
अक्षर : अ, आ, इ, ई…….क, ख, ग, अ…….
शब्द : जब दो या दो से अधिक शब्द मिलते है जैसे : क +म +ल = कमल
वाक्य : जब दो या दो से अधिक शब्द मिलते है जैसे : रामू +टीवी +देखता+है = रामू टीवी देखता है
पैराग्राफ़ : जब दो या दो से अधिक वाक्य मिलते है जैसे : रामू स्कूल एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ता है + वह एक गरीब परिवार से है लेकिन बहुत कथित मेहनत करता है + हमेश अपनी कक्षा में प्रथम आता है = रामू एक ग़रीब परिवार का लड़का है जो एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पड़ता है और अपनी कठिन परिश्रम से हमेशा कक्षा में प्रथम आता है
कहानी : और उपर्युक्त दिये गाये कई पैराग्राफ़ को मिलाने से एक कहानी का निर्माण होता है
फ़िल्म की व्याकरण
फ़्रेम : फ़िल्म व्याकरण में सबसे छोटी इकारी फ़्रेम होता है जो एक स्टिल इमेज (एक फोटो) को कहा जाता है।
शॉट : कई फ़्रेम मिलकर एक शॉट का निर्माण करते है (फ़िल्म या वीडियो प्रोडक्शन के क्षेत्र में शॉट को विभिन्न प्रकार में वभाजित किया गया है) जैसे एक्सट्रीम लाँग शॉट, लाँग शॉट, मिड शॉट, मिड क्लोज़अप शॉट, एक्सट्रीम शॉट, पोट्रेट, सहित अन्य)
सीन : कई शॉट मिलकर एक सीन का निर्माण करते है।
सीक्वेंस : कई सीन मिलकर एक सीक्वेंस का निर्माण करते है
फ़िल्म : कई सीक्वेंस मिलकर एक फ़िल्म का निर्माण करते है।