बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय अवध फिल्म फेस्टिवल का आज समापन हुआ। यह आयोजन सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को सिनेमा के माध्यम से प्रदर्शित करने और नई चेतना लाने के उद्देश्य से किया गया।
इस कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि पत्रकार और लेखक अनंत विजय, विशिष्ट अतिथि पवन सिंह चौहान (सदस्य, विधान परिषद), और राष्ट्र धर्म प्रकाशन के निदेशक मनोजकांत ने शिरकत की।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. एम.पी. वर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए फिल्म निर्माण और कला के भविष्य के लिए ओपन-एयर थिएटर के निर्माण की घोषणा की और इसकी जिम्मेदारी जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष को दी। फेस्टिवल में लगभग 100 फिल्मों आई जिनमे से 54 को प्रतियोगिता के लिए चुना गया। इन फिल्मों की स्क्रीनिंग विश्वविद्यालय के तीन प्रमुख ऑडिटोरियम में की गई।जिनमे कैंपस, प्रोफेशनल और जस्ट पास आउ श्रेणी में फिल्मों को अवार्ड मिला।
अवध फिल्म फेस्टिवल 2024 में निम्नलिखित फिल्मों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुए:
कैंपस श्रेणी
- श्रेष्ठ निर्देशन:
- द डिलीवरी – निर्देशित अर्पित गुप्ता।
- श्रेष्ठ छायांकन:
- दाग – निर्देशित पलक कुमारी।
- श्रेष्ठ फिल्म:
- रोशनी – निर्देशित अनिमेष नमन।
- श्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री:
- बिजली महादेव मंदिर – निर्देशित धीरेंद्र सिंह।
- दिलकुशा – निर्देशित प्रगति पांडे।
- श्रेष्ठ समीक्षा:
- गोमती सवाल अस्तित्व का – निर्देशित आशीर्वाद दीक्षित।
- जल्दी जाना है क्या – निर्देशित नीतीश कुमार।
प्रोफेशनल श्रेणी
- श्रेष्ठ निर्देशन:
- मटर पनीर – निर्देशित चंदन मल्लाह।
- श्रेष्ठ छायांकन:
- ट्रम्पेट – निर्देशित आशीष भथरी।
- श्रेष्ठ फिल्म:
- त्वमेव सर्वम – निर्देशित मनोज तिवारी।
- श्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री:
- गल देव: एक अनोखी मान्यता – निर्देशित तनिष्क भूरिया।
- श्रेष्ठ समीक्षा:
- अक्षरा – निर्देशित शिवम भास्वर।
- ज़ुबान – निर्देशित प्रफुल्ल पांडेय।
कैंपस जस्ट पास आउट श्रेणी
- श्रेष्ठ फिल्म:
- ए लवली रिज्यूमे – निर्देशित पौरुषे।
फेस्टिवल में मास्टर क्लास में फ़िल्म विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित डॉ. अनिल रस्तोगी और श्री मती रमा अरुण त्रिवेदी ने छात्रों और फ़िल्म निर्माताओं को फ़िल्म निर्माण के गुण बतायें, इस दौरान बॉलीवुड फ़िल्म कलाकार डॉ. अनिल रस्तोगी ने कहा “फ़िल्म निर्माण और कला के क्षेत्र में उम्र मात्र एक नंबर है। आज मेरी उम्र 81 वर्ष से अधिक है लेकिन मैं लगातार अपना अच्छा किरदार निभाने की कोशिश करता हूँ”। इस सत्र में डॉ. अनिल रस्तोगी से बात करते हुए श्री मती रमा अरुण त्रिवेदी ने अपने बीते हुए लम्हों की यादों को ताजा किया।
कार्यक्रम के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए अवध चित्र साधना के अध्यक्ष प्रो. गोविन्द जी पांडेय ने ऐतिहासिक फिल्मों जैसे अछूत कन्या और दो बीघा जमीन के माध्यम से सिनेमा की सामाजिक जिम्मेदारी और फ़िल्मों द्वारा समाज में बनाई गई परिकल्पनों के बारे में चर्चा किया। वंही अरुण त्रिवेदी सचिव अवध चित्र साधना ने संस्था के उद्दश्यों और भविष्य के लिए संस्था की रूप रेखाओं के बारे में बताया।
मुख्य अतिथि लेखक एवं पत्रकार अनंत विजय ने फ़िल्म निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि एक फ़िल्म निर्माण में फ़िल्म निर्माता द्वारा विचारों को दृश्य के रूप में प्रस्तुत करना आसान नहीं है एक बड़ी चुनौती है। आज के डिजिटल युग कम समय में कहानी कहने का प्रचलन चला है ।
इस दौरान प्रोग्राम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर एन. एम.पी. वर्मा वॉइस चांसलर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्विद्यालय ने सभी का स्वागत करते हुए कहा विद्यालय के ओपन एयर थियेटर को विकसित करने का प्रस्ताव रखा। और इसकी जिम्मेदारी जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष को दी। साथ ही उन्होंने कहा कि नोएडा फ़िल्म सिटी और ज़ेवर एयरपोर्ट के संचालन से लखनऊ में फ़िल्म निर्माताओं के लिए बेहतर अवसर मिलेगा।
फ़िल्म फेस्टिवल कार्यक्रम के इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से काशी विद्यापीठ के महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के प्रचार प्रमुख सुभाष जी, अवध प्रांत के प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे जी , बीबीएयू जनसंचार एवम पत्रकारिता विभाग के डॉ. महेंद्र कुमार पाढ़ी जी, डॉ. अनिल कुमार यादव, डॉ. कुंवर सुरेंद्र बहादुर जी, डॉ. लोकनाथ जी, डॉ. अरविंद कुमार सिंह, डॉ. सहित बीबीएयू के साथ लखनऊ में सभी पत्रकारिता संस्थान के शिक्षक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे