रोस्टो (W.W. Rostow) का चरण मॉडल बीसवीं सदी के सबसे प्रभावशाली विकास सिद्धांतों में से एक है। रोस्टो का मॉडल न केवल विकास प्रक्रिया में कम आय वाले देशों की सहायता करने की इच्छा को दर्शाता है, बल्कि कम्युनिस्ट रूस पर संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रभाव को भी दर्शाता है।
इन सभी स्तरों से आपको किसी देश के विकास का आकलन करने में सहायता मिलती है, जिससे यह सवाल उठता है: “विकसित” होने का वास्तव में क्या मतलब है, और कुछ देश क्यों विकसित हुए हैं जबकि अन्य क्यों नहीं?
इन बिंदुओं का उपयोग करते हुए, रोस्टो ने 1960 में अपनी क्लासिक “आर्थिक विकास के चरण” लिखी, जिसमें विकास के पाँच चरण प्रस्तुत किए, और कहा सभी देशों को विकसित होने के लिए इन्ही चरणों से गुजरना होगा जो इस प्रकार हैं –
- पारंपरिक समाज
- उड़ान भरने की पूर्व शर्तें
- उड़ान भरना
- परिपक्वता की ओर बढ़ना
- और उच्च जन उपभोग की उम्र।
उपर्युक्त मॉडल में जोर देकर कहा गया कि सभी देश इस रैखिक स्पेक्ट्रम पर कहीं न कहीं मौजूद हैं, और विकास प्रक्रिया में प्रत्येक चरण के माध्यम से ऊपर की ओर बढ़ते हैं।
पारंपरिक समाज (Traditional society)
पारंपरिक चरण की विशेषता एक निर्वाह, कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है, जिसमें गहन श्रम और व्यापार का निम्न स्तर है , और एक ऐसी आबादी है जिसके पास दुनिया और प्रौद्योगिकी पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं होती है। शुरुआत में, हर अर्थव्यवस्था पारंपरिक चरण में होती है।
विशेषताएँ
- कृषि की प्रधानता- कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा (75% या उससे अधिक) कृषि वस्तुओं के उत्पादन में लगा हुआ है। संसाधनों का भी बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र में लगा हुआ है।
- राजनीतिक शक्ति- राजनीतिक शक्ति समाज में कुछ पारंपरिक रूप से प्रभावी सामाजिक समूहों के पास केंद्रित रहती है। ज़्यादातर मामलों में यह ज़मीन मालिकों के हाथ में होती है।
- वैज्ञानिक ज्ञान– यह चरण अपर्याप्त वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीक के कारण सीमित है। इसीलिए इसे प्री-न्यूटोनियन चरण कहा जाता है
- प्रति व्यक्ति आय – सीमित प्रौद्योगिकी के सीमित दायरे में प्रति व्यक्ति उत्पादन की न्यूनतम सीमा होती है।
- परिवार और जाति व्यवस्था का महत्व- इस चरण में सामाजिक व्यवस्था परिवार और जाति व्यवस्था पर आधारित होती है। व्यक्ति का परिवार और जाति उसकी सामाजिक स्वीकार्यता और स्थिति दोनों निर्धारित करते हैं। व्यक्ति की योग्यता अपेक्षाकृत कम महत्व रखती है।
टेक-ऑफ की पूर्व-शर्तें (Pre-conditions of take-off)
इस चरण में समाज विकास के निर्माण कार्य शुरू कर देता है, और लोग विकास के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। प्रति यक्ति सामाजिक और आर्थिक विकास शुरू हो जाता है। लेकिन ये सभी कार्य धीमी गति से आगे बढ़ते हैं। इस प्रकार, अर्थव्यवस्था में कुल उत्पादन कम रहता है। यह चरण लगभग 100 वर्षों तक चलता है।
विशेषताएँ
- निवेश- इस चरण में, अर्थव्यवस्था में मशीनरी दर और प्रति व्यक्ति पूंजी निर्माण बढ़ता है। सकल निवेश 5-10% के बीच होता है।
- बुनियादी ढांचा- चूंकि देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग उद्योग स्थापित किए गए जाते है, ऑटोमोबाइल, सड़क, रेलवे, बंदरगाहों की आवश्यकता होती है । इसलिए पूरे देश में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है ।
- जन्म दर में गिरावट- इस चरण में, श्रमिकों की मांग घटने लगती है। इस प्रकार, लोग अपने परिवार के आकार को बढ़ाने के लिए कम इच्छुक होते हैं। इसलिए, जन्म दर में गिरावट आती है।
- कृषि- पारंपरिक अर्थव्यवस्था की तुलना में विकास के इस चरण में कृषि पर निर्भरता कम होती है। उद्योग, व्यापार और परिवहन जैसी विभिन्न अन्य सेवाएँ विकसित होने लगती हैं।
- व्यक्तिगत कौशल– इस चरण में व्यक्ति अपनी सामाजिक या धार्मिक स्थिति पर निर्भर होने के बजाय अपने व्यक्तिगत कौशल पर निर्भर होने लगता है
- विदेशी व्यापार- इस चरण में निर्यात-आयात शुरू होता है। तैयार और पूंजीगत सामान आयात किए जाते हैं और कच्चा माल और अर्ध-तैयार माल निर्यात किया जाता है।
टेक-ऑफ चरण (The Take-off stage)
यह चरण आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण चरण है। यह गहन विकास की एक छोटी अवधि है। यहाँ अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर हो जाती है, यानी यह अब दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहती। यह बाहरी सहायता के बिना आगे बढ़ती है। नए उद्योग स्थापित होते हैं, निवेश दर में सुधार होता है और नए नवाचार होते हैं।विश्व के कुछ देशों के उड़ान चरण-
देश | टेक -ऑफ |
ग्रेट ब्रिटेन | 1783-1802 |
फ़्रांस | 1830-1860 |
यू.एस.ए | 1843-1860 |
स्वीडन | 1868-1890 |
भारत | 1952 |
टेक-ऑफ चरण की स्थितियाँ (Conditions of Take- off Stage)
निवेश की दर 10% से अधिक– प्रति व्यक्ति आय को उच्च स्तर पर स्थिर करने के लिए यह आवश्यक है कि राष्ट्रीय आय की वृद्धि दर जनसंख्या की वृद्धि दर से अधिक हो। इसके लिए निवेश की दर सकल राष्ट्रीय उत्पाद के 10% से अधिक होनी चाहिए।
अग्रणी क्षेत्रों का विकास- इस चरण में अर्थव्यवस्था में कुछ अग्रणी क्षेत्रों का विकास होता है। इन्हें निम्न प्रकार से विभाजित किया गया है:
- प्राथमिक विकास क्षेत्र
- पूरक विकास क्षेत्र
- व्युत्पन्न विकास क्षेत्र
विशेषताएँ
- पुनर्निवेश– उद्यमी अपने लाभ को अधिक कमाने के लिए पुनर्निवेशित करते हैं जिससे निवेश की दर में वृद्धि होती है।
- प्रौद्योगिकी का विकास– उत्पादन की नई तकनीकों का उपयोग किया जाता है और उत्पादन के सभी क्षेत्रों में उन्हें व्यापक रूप से अपनाया जाता है।
- पूंजी की उपलब्धता– आय का पुनर्वितरण, लाभ का पुनर्निवेश, देश की मौद्रिक और राजकोषीय संरचना में परिवर्तन, ये सभी पूंजी की उपलब्धता में योगदान करते हैं।
परिपक्वता की ओर अग्रसर (Drive to maturity)
यह चरण एक लंबी अवधि में होता है, जैसे-जैसे जीवन स्तर बढ़ता है, प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ता है, और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था बढ़ती है और विविधतापूर्ण होती है। यह चरण टेक-ऑफ चरण का परिणाम है। यह टेक-ऑफ चरण के 40-60 वर्षों के बाद आता है। देश प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ विकास के संस्थागत मापदंडों में भी आत्मनिर्भर हो जाता है।
विशेषताएँ
- व्यावसायिक वितरण में बदलाव- रोजगार की स्थितियों में उल्लेखनीय बदलाव होता है। कृषि पर निर्भरता काफी कम हो जाती है। मजदूर अधिक आत्मनिर्भर और बेहतर स्थिति में आ जाते हैं।
- देश के बुनियादी ढांचे में सुधार– देश में नई राजनीतिक और सामाजिक संस्थाएँ स्थापित होती हैं।
- निवेश में निरंतर वृद्धि- निवेश दर सकल घरेलू उत्पाद उत्पादन के 10-20% तक बढ़ जाती है, इस प्रकार जनसंख्या की तुलना में तेजी से वृद्धि होती है।
उच्च जन उपभोग का चरण (The stage of high mass consumption)
इस अवस्था में, देश की अर्थव्यवस्था पूंजीवादी व्यवस्था में फलती-फूलती है, जिसमें बड़े पैमाने पर उत्पादन और उपभोक्तावाद की विशेषता होती है। उत्पादन में काफी वृद्धि होती है। व्यक्ति की आय बहुत अधिक होती है और सुख-सुविधाओं और विलासिता की वस्तुओं का उपभोग एक आम बात हो जाती है।
विशेषताएँ
- सुख-सुविधा के स्तर में वृद्धि – इस अवस्था में सुख-सुविधाओं और विलासिता की वस्तुओं का उपभोग बढ़ जाता है। लोगों के जीवन-स्तर में वृद्धि होती है।
- रोजगार के स्तर में वृद्धि – इस अवस्था में रोजगार की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होता है और श्रम संगठित हो जाता है।
- कल्याणकारी प्रशासन – सरकार प्रगतिशील तरीकों से कल्याणकारी प्रशासन स्थापित करने का प्रयास करती है।
- निवेश के स्तर में वृद्धि – निवेश की दर सकल घरेलू उत्पाद के 20% से भी अधिक हो जाती है।
रोस्टो के आर्थिक विकास के चरणों की आलोचनाएँ
पारंपरिक समाज विकास के लिए आवश्यक नहीं है
पूर्व-शर्तें टेक-ऑफ से पहले नहीं हो सकती हैं
चरणों में ओवरलैपिंग
टेक-ऑफ की आलोचना
परिपक्वता की ओर गोता लगाने का चरण पेचीदा और भ्रामक
एक अच्छे सिद्धांत का अभाव
तर्क की कमी
आधार की कमी
अनिश्चितता