काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बीएचयू बहुजन ईकाई द्वारा आयोजित विधि संकाय के प्रांगण में भारतरत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की 133वीं जयंती के उपलक्ष्य में विधि संकाय में शाम को दीप प्रज्ज्वलन और आकाशदीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम सकुशल संपन्न हुई।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत के संविधान की उद्देशिका का वाचन से शुरु हुआ और विचार गोष्ठी के दौरान प्रो० जेपी चौधरी (आयुर्वेद विभाग) ने अपने विचारों को रखा,शिक्षा संकाय के प्रो० नागेंद्र जी अपने वक्तव्यों के बीच शिक्षा की उपयोगिता पर संक्षिप्त परिचय दिया, विधी संकाय के प्रो० राजू मांझी जी छुआछूत,संविधान की विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
इसके साथ ही विधि संकाय के प्रो० रजनीश पटेल जी ने अपने वक्तव्य के दौरान विचार और विचारधारा में अन्तर और संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकार में अभिव्यक्ति की आजादी और शिक्षा के अधिकार को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया और आईआईटी के प्रो गंगेश गोंडवाना जी ने दलित शब्द की उत्पत्ति, भाषा की शुरुआत, अपनी ऐतिहासिक पहचान पर संक्षिप्त प्रकाश डाला .
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे द्रव्यगुण विभाग के प्रो बी राम जी अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को मानने वाले लोगों की संख्या अधिक और जानने वाले लोगों की संख्या कम है और अपने विचार व्यक्त करते समय बाबा साहब ने संविधान द्वारा भारत की विविधता को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया और महिलाओं, बच्चों , दलित, पिछड़ों के लिए बराबर का अधिकार संविधान द्वारा दिलाया।
बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की शानदार रंगोली रिपु आर्ट्स क्लासेस के टीम द्वारा बनाई गई और विचार गोष्ठी के दौरान विधि छात्र परासर, मुन्ना, छात्रा बरखा ने अपने अपने विचार व्यक्त किए और कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया और कार्यक्रम का संचालन शिवशक्ति और धन्यवाद ज्ञापन रंजीत भारती ने किया।