अगामी रेलवे यूनियन मान्यता चुनाव, जो 04 और 05 दिसंबर 2024 को होने जा रहा है। जिसको लेकर उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) ने प्रचार अभियान को गति दे दी है। केंद्रीय उपाध्यक्ष माननीय जगदम्बा तिवारी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में लोको वर्कशॉप शाखा की टीम ने जोर-शोर से यूनियन के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए काम शुरू किया है।
लोको वर्कशॉप शाखा के अध्यक्ष प्रवीण तिवारी, सचिव सी.बी. सिंह, वरिष्ठ पदाधिकारी अनिल पाल, देशराज मीना, सर्वेश बाजपेयी और शाखा के अन्य सभी पदाधिकारियों ने यूनियन के यूथ विंग और महिला विंग के साथ मिलकर लोको वर्कशॉप का भ्रमण किया। कर्मचारियों से चुनाव निशान “रेल का इंजन” पर वोट डालने की अपील की गई।
संविधान दिवस के मौके पर विशेष संबोधन
इस अवसर पर यूनियन के वरिष्ठ नेता अनिल पाल ने संविधान दिवस की बधाई देते हुए कर्मचारियों को वोट के महत्व पर जागरूक किया। उन्होंने कहा,
“संविधान ने हमें जो अधिकार दिए हैं, उनमें से सबसे महत्वपूर्ण अधिकार मतदान का है। इसलिए, हर कर्मचारी को अपने वोट का उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए।”
पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर जोर
अनिल पाल ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की दिशा में उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा,
“ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) की लड़ाई केवल यूआरएमयू ही लड़ रही है। यह यूनियन कर्मचारियों के हक और उनके भविष्य के लिए हमेशा खड़ी रही है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली हमारी प्राथमिकता है और इसे हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।”
सभी वर्गों को समान सम्मान और भागीदारी
यूनियन के नेताओं ने बताया कि उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन का मुख्य उद्देश्य सभी कर्मचारियों को न्यायसंगत भागीदारी देना है। यह संगठन विशेष रूप से पिछड़े, आदिवासी और दलित समुदाय के लोगों को समान सम्मान और अधिकार सुनिश्चित करता है।
भारी मतों से विजय की अपील
कार्यक्रम के दौरान सभी कर्मचारियों से अपील की गई कि वे यूनियन को भारी मतों से विजय दिलाने के लिए “रेल का इंजन” चुनाव निशान पर मुहर लगाएं। उन्होंने कहा कि एक मजबूत यूनियन ही कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा कर सकती है।
नारा:
“यूआरएमयू जिंदाबाद! पुरानी पेंशन बहाल करो! रेल कर्मचारी एकता जिंदाबाद “
उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के इस प्रचार अभियान ने कर्मचारियों के बीच जोश और उत्साह का माहौल बना दिया है। सभी की निगाहें अब आगामी चुनाव पर टिकी हैं।