पार्किंसन बीमारी को लेकर अक्सर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं जिनका सच आम आदमी खुद से नहीं जान पाता है ऐसे में इस बीमारी को लेकर अधिक जागरूकता फैलाने के लिए डॉ प्रधान न्यूरोलॉजिकल क्लीनिक ने बुधवार को एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस अभियान में वह तमाम जरूरी बातें बताई गईं जिनसे इस बीमारी की पहचान समय रहते की जा सकती है।
कुछ बीमारियां वयस्कों को अधिक प्रभावित करती हैं इन्हीं में से एक है पार्किंसन। यह बड़े लोगों को अपनी चपेट में जल्दी लेती है हालांकि अब यह परेशानी युवाओं में भी देखने को मिल रही है जो की बहुत चिंताजनक विषय है। यह जानकारी एसजीपीजीआई के न्यूरोलॉजिकल विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ सुनील प्रधान ने दी।
डॉ प्रधान ने कहा कि इस वर्ष विश्व पार्किंसन दिवस को इंटीग्रेटेड हेल्थ केयर थीम के तहत सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस बीमारी में दिमाग की विशिष्ट मस्तिष्क कोशिकाओं में नुकसान होने के कारण मूवमेंट प्रभावित होने लगता है।
हाथ-पैरों में कंपन होता रहता है, मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं, शारीरिक संतुलन बनाने में मुश्किलें आती हैं। इस बीमारी को संतुलन में रखने के लिए विभिन्न तरह की दवाइयां दी जाती हैं जिनका सेवन बिना डॉक्टर के सलाह के बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि डाइट में कुछ बदलाव लाकर भी इस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है। कई तरह की खाद्य सामग्री जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, फिश ऑयल, विटामिन बी 1, सी, डी से भरपूर चीज इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को खाने मे देना चाहिए जिससे पार्किंसन के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।
साथ ही इन लोगों को अधिक चीनी, नमक, प्रोसेस्ड फूड, हाई कोलेस्ट्रॉल, सैचुरेटेड फैट आदि बिल्कुल भी खाने के लिए नहीं देना चाहिए। जागरूकता अभियान में डॉक्टर विक्रम, सुभाष तिवारी, अनिल, योगेश, कृष्णा, नीरज आदि लोग उपस्थित रहे।