वैसे तो हॉपिटल में लापरवाही के कई मामले सामने आते रहते है। लेकिन आज जो दृश्य लखनऊ के केजमीयू हॉस्पिटल का सामने आया है वह काफ़ी फ़िल्मी क्राइम थ्रिलर जैसा है। शुक्रवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के शताब्दी चरण- II अस्पताल परिसर के अंदर एक आवारा कुत्ता अपने जबड़े में एक कटा हुआ मानव हाथ पकड़कर सड़क पर टहल रहा था।
इस विचलित कर देने वाले दृश्य से दर्शकों के बीच बड़े पैमाने पर हंगामा मच गया। कुत्ते को डराने की कोशिशों के बावजूद, वह अस्पताल के मैदान में गायब हो गया। राम दयाल (बदला हुआ नाम) ने बताया, “लोगों ने मदद के लिए पुकारने की कोशिश की, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।”
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के मुताबिक़ थोड़ी समय बाद वह कुत्ता हाथ लेकर लौट आया, लेकिन भागने से पहले जब लोगों ने चिल्लाना शुरू किया तो उसने उसे बगीचे के क्षेत्र में हाँथ छोड़ दिया। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने इसे हटा दिया। इस घटना के बाद लोगो में कई तरह के क़यास शुरू हो गया।
कुछ लोगों ने कहा कि कुत्ते ने जो मानव हाँथ जबड़े में दबाया था वह अस्पताल परिसर के भीतर अनुचित तरीके से निपटाए गए कचरे से लगा होगा। अन्य लोगों ने अनुमान लगाया कि यह पास के मुर्दाघर से आया होगा, जबकि कुछ स्टाफ सदस्यों ने परिचारकों द्वारा कटे हुए हिस्सों को कचरे के डिब्बे में फेंकने की संभावना जताई।
केजीएमयू प्रशासन ने जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच शुरू की। अधिकारियों ने कहा कि वे कटे हुए अंगों के रिकॉर्ड की जांच करेंगे। केजीएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर सुधीर सिंह ने कहा, ‘हमारी टीम गार्ड की मदद से कुत्ते को पकड़ने में कामयाब रही। हमें एक मानव शरीर का हिस्सा, हाथ का एक टुकड़ा मिला, जिससे अब हम पुलिस को सूचित करने सहित उचित कानूनी माध्यमों से निपट रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि कुत्ता शरीर का यह अंग अस्पताल क्षेत्र के बाहर से लाया है; हो सकता है कि इसे कहीं और काट दिया गया हो और परिवार को निपटान के लिए दे दिया गया हो। लेकिन ऐसा लगता है कि इसे ठीक से निपटाने के बजाय कहीं छोड़ दिया गया था और कुत्ते को मिल गया।” सिंह ने कहा, “हमने शव का हिस्सा संबंधित विभाग को सौंप दिया है और इसका नियमानुसार निपटान किया जाएगा।”