जिस देश का संविधान आपसी भाईचारे के नींव पर खड़ा है, और सांप्रदायिक माहौल ख़राब करने वालों के लिए क़ानूनी कार्यवाही का अधिकार देता है। वहाँ सांप्रदायिक हिंसा का समर्थन करने वालों के लिए क्या किया जाये यह अब साँचने वाली बात है।
दरअसल दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में सड़क किनारे नमाज (Namaz) पढ़ रहे नमाजियों को लात मारने वाले सब इंस्पेक्टर (Sub Inspector Suspended) को निलंबित कर दिया गया है । साथ ही पुलिसकर्मी पर आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है ।
लेकिन सोशल मीडिया पर पुलिस वाले का समर्थन करने लिए कई सोशल मीडिया अकाउंट से एक समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़राती बयान बाज़ी भी की जा रही है। जहां एक तरफ संविधान ऐसे कार्यों की इजाजत नहीं देता है वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे समर्थक है जो देश में सांप्रदायिक धर्म के नाम पर हिंसात्मक माहौल बनाने में जुटे हुए है।
इस घटना के बाद वहां मौजूद लोग आक्रोशित नजर आए और भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई ।लोगों ने दिल्ली पुलिस खिलाफ नाराजगी जाहिर की, बिगड़ते माहौल के बीच इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। हालांकि अब स्थिति वहां सामान्य हो गई है ।
इस घटना को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कार्रवाई की मांग की थी। वहीं, जब सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है तो इमरान प्रतापगढ़ी ने फिर पोस्ट किया है । इस बार उन्होंने पुलिसकर्मी के खिलाफ एफआईआर की मांग की है ।