आपको याद होगा कभी सरकार ‘गुजरात मॉडल’ को लेकर पूरे देश में प्रचार -प्रसार कर रही थी। लेकिन अब उसी गुजरात मॉडल में लापरवाही, भ्रष्टाचार, सहित अन्य कई ख़ामियाँ सामने आ रही है जिसके परिणामसरूप हादसों में आम लोगो भुगतना पड़ रहा है।
मोरबी एक बार फिर से हादसे के लिए चर्चा का विषय बना है । दरअसल यहाँ निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की इमारत का एक हिस्सा ढह गया। हादसे में पांच कर्मचारी घायल हो गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि घटना शुक्रवार रात आठ बजे की है, जो नई इमारत की पहली मंजिल पर भराई के काम के दौरान हुई।
कॉलेज अधिकारियों सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। एक मजदूर मलबे में फंसा हुआ, जिसे बचाने के लिए ऑपरेशन जारी है।
मौके पर पहुंचे भाजपा विधायक दुर्लभजीभाई देथरिया का कहना है “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।”
दिसंबर 2022 में मोरबी पुल हादसे में किस पर हुयी कार्यवाही ?
गुजरात में लापरवाही, भ्रष्टाचार के कारण ऐसा हादसा कोई पहला नहीं है दिसंबर 2022 में ऐसी ही लापरवाही और भ्रष्ट नीतियों के कारण मोरबी में पुल गिर गया था, जिसमें 135 लोग मारे गए थे । जिसके जाँच के लिए, पांच सदस्यीय एसआईटी टीम द्वारा मोरबी ब्रिज हादसा पर प्रारंभिक रिपोर्ट जमा की गई थी ।
जिस्म उजागर हुआ कि लापरवाही और भ्रष्ट नेतियों के कारण ऐसा हादसा हुआ। रिपोर्ट में कहा गया कि मोरबी नगर पालिका ने सामान्य बोर्ड की मंजूरी के बिना ओरेवा ग्रुप (अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड) को पुल के रखरखाव और संचालन का ठेका दिया था । जिसने मार्च 2022 में पुल को नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया था और 26 अक्टूबर को बिना अनुमति के इसे खोल दिया था।
एसआईटी के अनुसार, पुल गिरने के समय इसपर लगभग 300 लोग मौजूद थे, जो पुल की भार वहन क्षमता से “कहीं अधिक” था । हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि पुल की वास्तविक क्षमता की पुष्टि प्रयोगशाला रिपोर्ट से होगी । जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अलग-अलग लकड़ी के तख्तों को एल्यूमीनियम डेक के साथ बदलने से भी पुल गिरा है ।
लेकिन क्या अभी तक कंपनी या किसी को सजा हुयी बड़ा सवाल है?