वैसे अभी तक नौकरियों के पेपर लीक होने की खबरें सामने आती थी लेकिन अब उत्तर प्रदेश में सरकार की सख्ती के बावजूद परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियां थमने का नाम नहीं ले रहीं।
गुरुवार को यूपी बोर्ड के एक्जाम के दौरान जीव विज्ञान का प्रश्न पत्र वाट्सएप पर वायरल होने लगा। दूसरी पॉली की परीक्षा गुरुवार को दोपहर 2 बजे शुरू हुई, लेकिन घंटेभर बाद यानी 3 बजे ही जीव विज्ञान का पेपर वायरल सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।
बृहस्पतिवार को परीक्षा की दूसरी पाली दोपहर 2 से 5ः15 बजे तक में गणित और जीव विज्ञान के प्रश्नपत्र कराए जा रहे थे। हाईस्कूल का कृषि का प्रश्नपत्र भी चल रहा था। करीब 3 बजे व्हाट्सएप ग्रुप पर जीव विज्ञान और गणित के प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी वायरल हुई।
इस ग्रुप में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रधानाचार्य और शिक्षक जुड़े हैं। मोबाइल पर प्रश्नपत्र देखकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए। आननफानन प्रश्नपत्र को डिलीट किया गया लेकिन तब तक खबर फैल गई। मिलान करने पर प्रश्नपत्र समान निकला।
स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक सवाल उठाने लगे कि परीक्षा के समय प्रश्न पत्र आखिर कैसे और कहां से वायरल हो गया? जिला परीक्षा पर्यवेक्षक डॉ. मुकेश अग्रवाल ने जांच के निर्देश दिए।
उधर, इस मामले में डीआईओएस की ओर से फतेहपुर सीकरी के अतर सिंह इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक सहित अन्य के विरुद्ध केस दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है।
वहीं इस मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कहा है कि नकल कराने के उद्देश्य से विनोद चौधरी द्वारा पेपर वायरल किया गया। इस मामले में संज्ञान लेते हुए डीआईओएस आगरा द्वारा विनय चौधरी और अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया है कि व्हाट्सएप ग्रुप पर जीव विज्ञान और गणित का पेपर जब तक आया, तब तक 1 घंटा 10 मिनट की परीक्षा हो चुकी थी। इस वजह से परीक्षाओं की शुचिता प्रभावित नहीं हुई है।
कंप्यूटर ऑपरेटर ने लगाई सेंध
आगरा में माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा के सुरक्षा किले में एक कंप्यूटर ऑपरेटर ने सेंध लगा दी। सोशल मीडिया पर गणित और जीव विज्ञान का प्रश्न पत्रों के फोटो वायरल होने के बाद शिक्षा अधिकारियों की नींद टूटी। फोटो वायरल करने वाले मोबाइल नंबर की जांच कराई गई। यह नंबर एक कंप्यूटर ऑपरेटर का निकला है।
परिवार के सदस्यों की लग जाती है ड्यूटी
परीक्षा केंद्रों पर कॉलेज संचालक अधिकतर अपने परिवार के सदस्यों और परिचितों की ड्यूटी सेटिंग से लगवा लेते है। उसी का फायदा परीक्षा के दौरान उठाया जाता है।
कंप्यूटर ऑपरेटर स्कूल संचालक का रिश्तेदार बताया जाता है। अधिकतर परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी के समय यह खेल चलता है। इस मामले में डीआईओएस कार्यालय के बाबू भी कम जिम्मेदार नहीं है।
नकल माफिया एक्टिव होने की आशंका जताते हुए जांच और कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा के दौरान जीव विज्ञान के प्रश्न पत्र वायरल होने की सूचना सर्वप्रथम आगरा जिले से आई है। यहां के जिला पर्यवेक्षक डॉ. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि मामले को लेकर जांच की जा रही है अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।