फ़िल्म समीक्षा: सचित्र , लखनऊ| देवगन फिल्म्स और जिओ स्टूडिओज के बैनर तले बनी फिल्म शैतान के निर्देशक विकास बहल हैं। यह 2023 में आई एक गुजराती फिल्म ‘वश’ की रीमेक है। इस फिल्म में मुख्य कलाकार के रूप में अजय देवगन, आर. माधवन, ज्योतिका, जानकी बोडीवाला और अंगद राज हैं। अगर आप शैतान फिल्म देखने की सोच रहे हैं या देखने जा रहे हैं तो ये फिल्म समीक्षा आप के लिए ही है।
एक सुपर नैचुरल हॉरर फिल्म जिसे अजय देवगन, आर माधवन और ज्योतिका जैसे कलाकारों को साथ लेकर बेहतर बनाया जा सकता था वो एक अच्छी पटकथा के अभाव में कमजोर साबित हुई। फिल्म शैतान की कहानी कोई नई नहीं है यह फिल्म वशीकरण और काला जादू पर आधारित है। इतना ही नहीं फिल्म की कहानी बहुत प्रेडिक्टेबल भी लगती है। फिल्म में कबीर (अजय देवगन) अपने परिवार के साथ फार्महाउस पर छुट्टियाँ मनाने जाता है।
रास्ते में सड़क किनारे एक रेस्तरां में उसकी मुलाकात वनराज (आर माधवन) से होती है और यहीं से वशीकरण की कहानी शुरू हो जाती है। कबीर की पत्नी को शुरू से ही इस आदमी पर संदेह होता है और जैसा कि इस तरह की फिल्म्स में दिखाया जाता रहा है कि फार्महाउस जैसी जगह जो एकदम सूनसान इलाके में होती है हॉरर का तड़का देने के लिए सबसे परफेक्ट लोकेशन मानी जाती है। रेस्तरां से निकलकर परिवार फार्महाउस पर पहुँचता है और पीछे वनराज भी अपना फोन चार्ज करने के बहाने से उनके घर में घुस जाता है।
इस फिल्म में अजय देवगन की पुरानी इमेज को बरकरार रखा गया है जो उनकी पिछली फिल्मों दृश्यम और भोला आदि में देखा जा चुका है। ‘हम दो हमारे दो’ के कॉन्सेप्ट पर आधारित छोटे से परिवार को प्रोटेक्ट करते हुए एक बार फिर अजय देवगन अपनी बेटी को ‘शैतान’ से बचाने का संघर्ष करते हुए देखे जा सकते हैं। अजय देवगन के अभिनय में कुछ भी नयापन नहीं है। वहीं दूसरी तरफ आर माधवन की बात की जाए तो उनकी एक्टिंग हमेशा की तरह बेहतरीन रही है। आर माधवन ने अपने किरदार को अलग दिखाने के लिए काफी मेहनत की है।
आप उससे नफरत करना बंद नहीं कर सकते। ज्योतिका के पास अपने किरदार में तलाशने के लिए कुछ भी नहीं है, लेकिन जानकी बोदीवाला यानी जानवी ने शानदार अभिनय किया है। फिल्म में कई सीन बहुत अच्छे हैं और लोकेशन भी ठीक है। बार बार असफल प्रयास के बावजूद अंत में नायक को जिताना फिल्म को बहुत अधिक पूर्वानुमानित बना देता है।
हालांकि फिल्म को देखकर निकलने के बाद कुछ देर तक दिमाग में भारीपन बना रहता है। कुल मिलाकर यह फिल्म कोई नई फिल्म नहीं है। अगर आपको एक अभिनेता के रूप में आर माधवन पसंद हैं और आपके पास देखने को और कुछ नहीं है तो इसे एक बार देख सकते हैं।
फ़िल्म समीक्षा: सचित्र , लखनऊ