ताज़ा मामला यूपी की कन्नौज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक का ANI पर एक विवादित बयान तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव को लेकर कहा की उत्तरप्रदेश का सबसे बड़ा संप्रदायिक चेहरा है अखिलेश , अखिलेश यादव मानें तो आतंकवादियों का पोषक , अखिलेश यादव मानें माफियाओं के सरपरस्त , अखिलेश यादव मानें राममंदिर का निमंत्रण ठुकरने वाले , अखिलेश यादव मानें संप्रदिकता के करण वोट के खातिर मुख़्तार अंसारी के घर जाएंगे , लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अंतिम यात्रा पर नही जाएंगे, इसके साथ ही कहा ये लोकसभा चुनाव अखिलेश का संप्रदायिक अंत करने का चुनाव होगा। वही इतने से इस धार्मिक ठेकेदारी उठाने वाले सांसद की जुबान नही रुकी इसने ANI को दिये गये इंटरव्यू में कहा यही माफियां , कट्टरपंथियों की सोच है की किसी भी प्रकार से सत्ता हाशिल कर लो और ज्यादा बच्चें पैदा कर,सत्ता पर काबिज़ रहना चाहते है।
सुब्रत पाठक की अखिलेश से जून 2023 से है गर्मा गर्मी
लाइव हिन्दुस्तान में छपी ख़बर के मुताबिक सुब्रत पाठक समेत 10 नामजद व 42 अज्ञात लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था यूपी पुलिस ने। इसमें यह सामने आया था की अपाहरण के आरोपियों को बचाने के लिए सुब्रत पाठक ने अपने समर्थकों के साथ कन्नौज की मंडी चौकी पर हमला बोलने का आरोप है। इसमें आरोप लगा की आरोपियों को छुड़ाने के लिए बावल काट दिया और पुलिस से मारपीट करते हुए चौकी इंचार्ज की वर्दी फाड़ दी थी। इसी मामलें में पाठक पर केस दर्ज हुआ और इसको लेकर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया ( X ) एक्स पर भाजपा सरकार पर तंज कसा था।
वही सुब्रत पाठक का बयान इस लिए भी वायरल हो रहा है की अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक के बीच हमेशा से ही राजनितिक गरमा गर्मी रही है अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव का कन्नौज नामांकन करने से बढ़ती नज़र आ रही है , जिसको लेकर सुब्रत ने कहा टूट गया अखिलेश यादव का घमंड , अब कन्नौज में जप्त होगी जमानत , इसके साथ यह भी कहा डिम्पल के बाद होगी अखिलेश की हार,खैर सुब्रत पाठक के इस बयान पर अखिलेश कब अपनी क्या प्रतिक्रिया देते है ये तो वक्त ही बतायेगा ।
अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक का राजनीतिक अमाना सामना
पहली बार सुब्रत पाठक और अखिलेश याद साल 2009 में आमने सामने थे जसमें उन्हें अखिलेश यादव से मुकी खानी पड़ी थी। उसके बाद दोबारा साल 2014 में सुब्रत पाठक ने डिम्पल यादव के सामने चुनाव लड़ और फिर दूसरी बार हार झेलनी पड़ी , लेकिन साल 2019 में सुब्रत पाठक ने डिम्पल यादव को 12353 वोटों से पराजित कर पहली बार संसद बना जिसमें उन्हें 563087 वोट मिले थे , अब देखना दिलचस्प होगा की अखिलेश के सामने सुब्रत पाठक की साल 2009 वाली स्तिथि रहेगी या फिर काटें का मुकाबला देखने को मिलेगा।